फ़रवरी 03, 2008 एकवैदिकलौकिकउपासीत संकल्प निर्विकल्पउपासनाअर्थनाप्रार्थनाउपआसनउपेक्शा शेयर करें लिंक पाएं Facebook X Pinterest ईमेल दूसरे ऐप शेयर करें लिंक पाएं Facebook X Pinterest ईमेल दूसरे ऐप टिप्पणियाँ
फ़रवरी 15, 2009 क्या कमाल था कि देख आइना सिहर उठा , इस तरफ़ ज़मीन और आस्मां उधर उठा , थाम कर जिगर उठा कि जो मिला नज़र उठा , वो उठी लहर कि ढह गये किले बिखरबिखर नैन और पढ़ें
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