क्या कमाल था कि देख आइना सिहर उठा,
इस तरफ़ ज़मीन और आस्मां उधर उठा,
थाम कर जिगर उठा कि जो मिला नज़र उठा ,
वो उठी लहर कि ढह गये किले बिखरबिखर
नैन
इस तरफ़ ज़मीन और आस्मां उधर उठा,
थाम कर जिगर उठा कि जो मिला नज़र उठा ,
वो उठी लहर कि ढह गये किले बिखरबिखर
नैन
टिप्पणियाँ