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ओह रे, ताल मिलें नदी के जल में
नदी मिलें सागर में
सागर मिलें कौन से जल में
कोई जाने ना |

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क्या कमाल था कि देख आइना सिहर उठा , इस तरफ़ ज़मीन और आस्मां उधर उठा , थाम कर जिगर उठा कि जो मिला नज़र उठा , वो उठी लहर कि ढह गये किले बिखरबिखर नैन