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आप भी

अपने जज्बात में नाग्मात रचाने के लिए
मैंने धड़कन कि तरह दिल में बसाया है तुझे |
मैं तसव्वुर भी जुदाई का भला कैसे करूं;
मैंने किस्मत कि लकीरों से चुराया है तुझे |

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क्या कमाल था कि देख आइना सिहर उठा , इस तरफ़ ज़मीन और आस्मां उधर उठा , थाम कर जिगर उठा कि जो मिला नज़र उठा , वो उठी लहर कि ढह गये किले बिखरबिखर नैन