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जनवरी, 2008 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

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अपने जज्बात में नाग्मात रचाने के लिए मैंने धड़कन कि तरह दिल में बसाया है तुझे | मैं तसव्वुर भी जुदाई का भला कैसे करूं ; मैंने किस्मत कि लकीरों से चुराया है तुझे |